
आपने इस दुनिया में कभी किसी ऐसे इंसान को देखा है, जिसके जीवन में कोई भी दुख न हो या उसे कभी भी किसी परेशानी का सामना न करना पड़ा हो? आप दिमाग पर जोर लगाकर सोचें, इससे पहले ही बता देते हैं कि दुनिया में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है। ऐसे में इससे यह पता चलता है कि सभी के जीवन में कोई न कोई परेशानी है। इस परेशानी से निकलने या इसे सुलझाने के लिए आप क्या कदम उठाते हैं, यह बात मायने रखती है।
हमारे व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करे
लॉकडाउन के दौरान कई तनावभरी खबरों की वजह से ज्यादातर लोग अकेलेपन, दुख और तनाव का सामना करते दिख रहे हैं। वहीं, हाल में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर ने सभी लोगों को मायूस कर दिया है। ऐसे में अगर आपको या आपके किसी करीबी को डिप्रेशन या किसी परेशानी की वजह तनाव है, तो आप उनकी मदद कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कुछ टिप्स-
कोई भी वक्त स्थायी नहीं रहता
आपके दिन अगर बुरे चल रहे हैं या आप किसी वजह से तनाव में हैं, तो खुद को यह बात समझा दें कि श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि परिवर्तन ही सृष्टि का नियम है यानी इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। ऐसे में बुरे या बोझिल दिन भी एक दिन खत्म हो जाएंगे।
चुनौतियां आपको मजबूत बनाती है
किसी काम को करने से आपके पास अनुभव होता है। ऐसे में लम्बे अनुभव के बाद आप इसे बेहतर तरीके से कर पाते हैं, अगर आपके पास छोटी-छोटी परेशानियां आती भी हैं, तो आप इसे चुनौतियां समझकर इसका सामना करें, इससे न सिर्फ आप मानसिक रूप से मजबूत होंगे बल्कि परेशानियों को डील करने की क्षमता भी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी।
ये भी पढ़ें:-सी ए में सफलता हासिल कर निकिता सहदेव ने बीकानेर मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज का गौरव बढ़ाया
लोगों के कहने की परवाह न करें
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम लोगों की आलोचना या प्रशंसा से बहुत ज्यादा प्रभावित होने लग जाते हैं, जिस वजह से हम किसी काम को करने से पहले लोगों की सोच की परवाह करने लगते हैं। लोगों की सोच की परवाह हमारे भीतर मौजूद क्षमताओं को साकार नहीं होने देती, इसलिए आप खुद की परवाह करें कि आपकी आत्मा क्या कहती है।
हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ने के लिए क्लिक करे
मदद मांगने में कोई बुराई नहीं
जैसे, किसी की मदद करना पुण्य का काम माना जाता है। उसी तरह अपने खास लोगों से मदद मांगने में कोई बुराई नहीं है। मुश्किल घड़ी में आसपास के लोग ही काम आते हैं। जरुरत का चक्र घूमता रहता है। आज आपको जरुरत पड़ी है, वैसे ही कल किसी और को मदद की जरुरत पड़ सकती है इसलिए मदद मांगने के बाद खुद को हीन न समझें।
सकारात्मक दिशा चुनें
कई बार ऐसा होता है कि दुख-तकलीफ या डराने वाली खबरें देखकर हम निराशा में घिरते जाते हैं इसलिए ऐसी खबरों से दूरी बनाएं या जानकारी के तौर पर देखते हुए इसे खुद पर हावी न होने दें। आप सकारात्मक चीजों की ओर फोकस करें। फिल्म, किताबें, रेसिपीज, म्यूजिक, पेंटिंग आदि चीजों की तरफ ध्यान लगाएं। उन करीबियों से बात करें, जो आपसे सच में प्यार करते हैं या जिनसे बात करके आपको खुशी मिलती है।
ये भी पढ़ें:जयपुर के पुनीत सोनी कर रहे है महाराजा अजमीढ़ जी की फ़िल्म बनाने पर काम
यह ऐसा वक्त है, जहां लोग अकेले हैं और मन में कुछ न कुछ चलता रहता है। किसी के दिमाग में आगे की परेशानियां हैं, तो कोई फ्लैशबैक में जी रहा है। कई बार तो आप अपने परिवारजनों और खास दोस्तों की मनोस्थिति का भी अंदाजा नहीं लगा पाते। ऐसे में कोई आपसे बात करे या आपके पास किसी का ‘हैलो’ का मैसेज आए, तो बातचीत जरूर करें। यह वक्त एक दूसरे को संभालने का है। सोशल डिस्टेंसिंग को मन का अलगाव ना बनने दें। कॉल, मैसेज,,वीडियो कॉल से लोगों से जुड़े रहें।
source:-live hindustan