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कोरोना के दौर में कैसे बदलेगा बिजनेस, क्या करें स्टार्टअप? जानें 3 दिग्गजों की राय

  • इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुए स्टार्टअप दिग्गज
  • इन कारोबारियों ने बताई कोरोना के दौर की चुनौतियां
  • दिग्गजों ने नए स्टार्टअप के लिए कुछ टिप्स भी दिए

देश में करीब 80 हजार स्टार्टअप हैं जिन्होंने लाखों लोगों को रोजगार दिया है. कोरोना संकट से क्या स्टार्टअप का बबल फूट जाएगा या इस कठिन समय का मुकाबला कर स्टार्टअप आगे बढ़ेंगे? इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव जम्प स्टार्ट्स इंडिया के सत्र ‘स्टार्टअप: सर्वाइविंग द पैंडेमिक’ ‘ में ​देश के तीन सबसे सफल स्टार्टअप कारोबारी- PayTM के फाउंडर एवं सीईओ विजय शेखर शर्मा, Oyo होटल्स ऐंड होम्स के फाउंडर एवं सीईओ रितेश अग्रवाल और BYJU के फाउंडर बाइजू रवींद्रन ने अपनी बात रखी.

ये तीनों भारत भारत की तीन सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली स्टार्टअप कंपनियों से जुड़े सबसे युवा सेल्फ मेड बि​लिनेयर हैं. इन्होंने अपने सेक्टर की चुनौतियों की चर्चा तो की ही, साथ ही नए स्टार्टअप के लिए कई तरह के टिप्स भी दिए. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया.

हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री का अब क्या होगा

कोरोना के बाद वाले दौर में ट्रैवल और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री का भविष्य क्या होगा? इस सवाल पर ओयो के रितेश अग्रवाल ने कहा, ‘कोरोना से ट्रैवल और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. अब लोग प्लेन की यात्रा या छुट्टियों पर जाने से बचेंगे. मार्च के दूसरे हफ्ते तक हमारे ग्लोबल रेवेन्यू पर 10 से 15 फीसदी ही असर पड़ा था, लेकिन आगे चलकर यह 50 से 60 फीसदी हो गया और हमारा मानना है कि आगे और भी बुरी स्थिति हो सकती है.’

उन्होंने कहा, ‘हमने तत्काल मार्केटिंग, पूंजीगत व्यय जैसे खर्चों पर काबू किया. हमने तय किया था कि कोई छंटनी नहीं करेंगे, लेकिन हमें कुछ हफ्तों के लिए कुछ फरलो (बिना वेतन की छुट्टी) की घोषणा करनी पड़ी. अब हमारा फोकस इस बात पर होगा कि आने वाले समय में यात्रा करने वाले कस्टमर्स के लिए किस तरह से सेफ एक्सपीरियंस प्रदान कर सकें.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का प्रभाव ओयो के लिए अगली कुछ तिमाहियों तक रह सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम नए तरह के ट्रैवल पर फोकस कर सकते हैं. हम ट्रेडिशनल होटल से सुरक्षा होटल की तरफ जाएंगे. अब कूर्ग नया स्विट्जरलैंड बन सकता है, गोवा नया थाइलैंड बन सकता है. जब तक हालात सामान्य नहीं होते तब तक ग्रोथ प्लान का अनुमान कठिन है. हम भारत, सऊदी अरब, यूरोप और अमेरिका जैसे अपने प्रमुख बाजारों पर फोकस करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि इस नई दुनिया में 2-3 चीजें होंगी. अब हमें जीरो टच वाली टेक्नोलॉजी अपनानी होगी, लोग शहरों के पास जाएंगे वेकेशन में, ज्यादा सोशल डिस्टेंसिंग श्योर करके, हाई क्वालिटी हाईजीन और सुरक्षा देकर हम उनको सर्विस दे सकते हैं.

ऑनलाइन एजुकेशन की बढ़ रही मांग, कैसे फायदा उठा रहा BYJU

लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन एजुकेशन तेजी से बढ़ा है और इसलिए बाइजू रवींद्रन के लिए मुस्कराने की कई वजहें हैं. वे इस बढ़ते ट्रेंड का कैसे फायदा उठा रहे हैं? इस सवाल पर बाइजू रवींद्रन ने कहा, ‘इस संकट का कई सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ा है. इसलिए हमारा जोर अब कारोबार को गति देने पर है. लाखों स्टूडेंट घर बैठने को मजबूर हैं और उनके सामने अब विकल्प सिर्फ ऑनलाइन लर्निंग का है. हमने अपने लर्निंग मटीरियल मुफ्त उपलब्ध कर दिए हैं. हमने स्कूलों जैसे ही रेगुलर फ्री ऑनलाइन क्लासेज भी आयोजित कर रहे हैं. हमारे यूजर्स की संख्या में 3 गुना बढ़त हुई है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. 60 लाख नए स्टूडेंट हमसे जुड़े हैं और अब हमारे प्लेटफॉर्म पर स्टूडेंट्स की संख्या 5 करोड़ को पार कर गई है.’

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उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी पहले से था, लेकिन इस महामारी की वजह से लोग अब उसे अपना रहे हैं. जो कुछ वर्षों में होना था वह अब महीनों में हो रहा है. ऑनलाइन एजुकेशन अब एजुकेशन सिस्टम का अनिवार्य हिस्सा बन गया है.

डिजिटल पेमेंट भी घटा है, PayTM पर कितना है असर

लॉकडाउन के बीच जब कारोबार ठप है तो स्वाभाविक रूप से डिजिटल पेमेंट पर भी विपरीत असर पड़ा है. इसके बारे में पेटीएम के विजय शेखर शर्मा ने बताया, ‘दो चीजें अच्छी हुई हैं. जब दुकानें नहीं खुल रही थीं, तो हमारे ऑनलाइन स्टोर्स काम आये. हमारे यूजर्स में सिर्फ 3 फीसदी की गिरावट आई है. हमने कॉन्टैक्टलेस डिलिवरी जैसी सुविधाएं शुरू कीं.

फेसबुक-जियो डील का क्या होगा असर

हाल में रिलायंस जियो और फेसबुक ने एक डील किया है जिसके तहत अब वे व्हाट्सऐप के द्वारा करोड़ों छोटे दुकानदारों को जोड़ रहे हैं. इसका पेटीएम के कारोबार पर क्या असर होगा? इस सवाल पर विजय शेखर शर्मा ने कहा, ‘इस बाजार को बड़े निवेश की जरूरत है. जितने ज्यादा लोग बाजार में आएंगे, उतना ही बेहतर होगा. हम पेमेंट सर्विस से फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे पेमेंट बैंक, लेंडिंग आदि की तरफ बढ़े हैं. हम उम्मीद से पहले ही ब्रेक इवेन हासिल कर सकते हैं.’

source:-aaj tak

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