Soni Pariwar india

उतार-चढ़ाव का यह दौर में न हों परेशान, अच्छे रिटर्न के लिए निवेश में लॉन्ग टर्म व्यू अपनाएं

  • यदि आप किसी शेयर को 10 साल तक अपने पास नहीं रख सकते तो उसमें 10 मिनट के लिए भी निवेश करने का न सोचें। -वॉरेन बफेट
  • शेयर चुनते समय सिर्फ बाजार के व्यवहार पर ही नहीं, स्टॉक फंडामेंटल, परफॉरमेंस पर प्रमुखता के साथ गौर किया जाना चाहिए।

 वर्तमान में घरेलू शेयर बाजार भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में अरबपति निवेशक वारेन बफेट की यह बात बिल्कुल सटीक बैठती है। आमतौर पर जब बाजार में तेजी आती है तो हम जल्दबाजी में शेयर खरीदना चाहते हैं और गिरावट में बेचने लगते हैं। इनमें से कोई भी निवेश की स्मार्ट रणनीति नहीं है। एडलवाइस वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी के हेड राहुल जैन कहते हैं कि पोर्टफोलियो के लिए शेयर चुनते समय सिर्फ बाजार के व्यवहार पर ही नहीं, स्टॉक फंडामेंटल, परफॉरमेंस पर प्रमुखता के साथ गौर किया जाना चाहिए।


कम से कम 5 साल के लिए करें निवेश
निवेश का सबसे अच्छा तरीका यह है कि कम कीमत पर मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर खरीदें। बाजार के उतार-चढ़ाव पर ध्यान दिए बगैर लंबे समय तक निवेश में बने रहने की रणनीति अपनाएं। सामान्य तौर पर पांच साल या अधिक अवधि के लिए निवेश करने को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाता है। जब बात निवेश की हो तो यह अर्थपूर्ण रिटर्न पाने का मौका देती है। साथ ही मंदी के दौर से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करती है। लंबी अवधि के निवेश से कई तरीके के फायदे मिलते हैं। इसके लिए नियमित अंतराल पर अपने निवेश के पोर्टफोलियो का रिव्यू करें और एसेट एलोकेशन कर उसे संतुलित करते रहें।

निवेश|क्यों फायदेमंद है लॉन्ग टर्म का इन्वेस्टमेंट?
यदि पिछले समय पर गौर करें तो शेयर बाजार शॉट टर्म के मुकाबले लॉन्ग टर्म के निवेश में बेहतर रिटर्न मिलने की पेशकश करता है। बाजार में शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है, लेकिन लंबी अवधि में निवेश से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है। मसलन 2008 के वित्तीय संकट के बाद बाजार में आई गिरावट को ही लें, जिन निवेशकों ने उस समय अपने शेयर बेचे, वे बाद में नुकसान में रहे। लेकिन उस समय जिन्होंने धैर्य बनाए रखा और निवेश में बने रहे, लॉन्ग टर्म में उनके निवेश में कई गुना बढ़ोतरी हुई।


फायदा|लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग का बेनिफिट
निवेश में लॉन्ग टर्म अप्रोच अपनाने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है। यदि आप धैर्य के साथ निवेश करते रहें तो कम्पाउंडिंग आपका सबसे अच्छा दोस्त साबित होता है। यह आपके निवेश को कई गुना बढ़ा सकता है। मसलन, एक इक्विटी फंड एसआईपी के जरिए 5,000 रुपए के मासिक निवेश पर दो साल में 10% रिटर्न की पेशकश कर रहा है। यदि इसे 10 साल तक बढ़ाया जाए तो इस निवेश से 10 लाख रुपए से ज्यादा कमा सकते हैं। रिटर्न की राशि में यह इजाफा कम्पाउंडिंग का ही परिणाम है।

रणनीति|गिरावट के बाद होता है निवेश का सही समय
बाजार में आई हाल की गिरावट ने कई लोगों की आंखों की नींद उड़ा दी होगी। लेकिन एक चतुर निवेशक यही कहेगा बाजार जब अपनी ऊंचाई पर हो, उसके मुकाबले गिरावट के बाद काफी अच्छा होता है। फिलहाल बेहतर यही है कि आप लॉन्ग टर्म का लक्ष्य लेकर निवेश में बने रहें। जब भी बाजार में तेजी का दौर बनेगा, आपको इसका फायदा उठाने का मौका मिलेगा। यदि आप अभी निवेश से बाहर निकल जाएंगे तो यह मौका खो देंगे। लेकिन गिरावट या मंदी में निवेश बहुत सावधानी से करना चाहिए। मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों का चुनाव करना चाहिए।

 

source:-bhaskar

Read Previous

मानसरोवर के नए रास्ते से नेपाल नाखुश / लिपुलेख मार्ग के उद्घाटन को नेपाल ने एकतरफा बताया, कहा- भारत हमारी सीमा में कोई कार्रवाई न करे

Read Next

मदर्स डे रेसिपी / आज मां भी जाने आपके हाथों का जादू, कुछ नमकीन-मीठा बनाकर बढ़ाएं अपने प्यार का जायका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *