जीजेईपीसी के चेयरमैन कॉलिन शाह ने कहा कि अमेरिका के इस कदम के पीछे की बारीकियों में जाए बगैर, मेरा मानना है कि इसमें देश के रत्न एवं आभूषण कारोबार के लिए अवसर पैदा करने की संभावना है.
Gems And Jewellery News: भारत की जेम्स और ज्वैलरी सेक्टर को आने वाले दिनों में बड़ा फायदा होता हुआ दिखाई पड़ रहा है. अमेरिका की हांगकांग के साथ तरजीही आर्थिक संधि खत्म होने से भारतीय रत्न-आभूषण उद्योग (Gems-Jewellery Industry) को वहां के बाजार में बढ़त बनाने में मदद मिलेगी. रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (Gems and Jewellery Export Promotion Council-GJEPC) ने यह बात कही है. जीजेईपीसी के चेयरमैन कॉलिन शाह ने कहा कि अमेरिका के इस कदम के पीछे की बारीकियों में जाए बगैर, मेरा मानना है कि इसमें देश के रत्न एवं आभूषण कारोबार के लिए अवसर पैदा करने की संभावना है.
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हांगकांग-अमेरिका की संधि खत्म होने से भारत को होगा फायदा
उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए भारत, फ्रांस और इटली के बाद हांगकांग और चीन रत्न एवं आभूषण का आयात करने वाले चौथा बड़ा देश हैं. वर्ष 2019 में हांगकांग और चीन ने क्रमश: 98.08 करोड़ डॉलर और 2.63 अरब डॉलर के रत्न और आभूषण अमेरिका को निर्यात किए. शाह ने कहा कि हांगकांग के साथ तरजीही संधि खत्म होने से भारत के लिए नए ऑर्डर और कारोबारी अवसर पैदा होंगे. इसके बाद वहां से विनिर्माण कारखाने भी भारत आ सकते हैं.
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2019-20 में भारत ने अमेरिका को 9.17 अरब डॉलर का रत्न-आभूषण का किया था एक्सपोर्ट
उन्होंने कहा कि कई भारतीय कंपनियों के कार्यालय हांगकांग में है. ऐसे में कारोबार प्रभावित होने के चलते उनके देश वापस आने की संभावना है. जीजेईपीसी के मुताबिक भारत ने 2019-20 में अमेरिका को 9.17 अरब डॉलर और 2018-19 में 10.48 अरब डॉलर के रत्न-आभूषण का निर्यात किया था. (इनपुट भाषा)
Source Link :-news nation tv
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