Tuesday, December 5, 2023

MSME को 5 फीसद पर 1 करोड़ तक का लोन, कर्ज के लिए नहीं देनी होगी कोई गारंटी

कोरोना से जंग में इस्तेमाल होने वाले सामानों के उत्पादन के लिए स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) माइक्त्रो, स्मॉल, मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को मात्र 5 फीसद की ब्याज दर पर 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक कर्ज दे रहा है। कर्ज लेने के लिए एमएसएमई को कोई गारंटी देने या गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी। इस कर्ज के लिए सिडबी कोई प्रोसेसिंग फीस भी नहीं ले रहा है और प्री-पेमेंट करने पर भी कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा।

चैंबर ऑफ इंडियन माइक्त्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (सीआईएमएसएमई) और दैनिक जागरण की तरफ से शुक्त्रवार को आयोजित एमएसएमई की ऑनलाइन पाठशाला में सिडबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी।सिडबी के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों के उत्पादन के साथ इनसे जुड़ी सेवा मुहैया कराने वाली सभी एमएसएमई के लिए यह कर्ज उपलब्ध है। इन उत्पादों में मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स, दवाइयां जैसी चीजें शामिल हैं।

सिडबी के महाप्रबंधक विवेक कुमार मल्होत्रा ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के दौरान एमएसएमई को दो प्रकार की स्कीम के तहत कर्ज दिए जा रहे है। सेफ नामक पहली स्कीम के तहत 50 लाख रुपए तक के कर्ज उपलब्ध है तो सेफ प्लस के तहत एमएसएमई एक करोड़ तक का कर्ज ले सकती है। दोनों ही स्कीम के तहत लिए जाने वाले कर्ज पर मात्र 5 फीसद का ब्याज देना होगा। कर्ज के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और मात्र 48 घंटे में कर्ज स्वीकृत हो जाएगा। कर्ज देने से पहले जरूरी जांच प्रक्ति्रया भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पूरी की जाएगी। दोनों स्कीम के तहत कर्ज देने के लिए 100 करोड़ रुपए का फंड रखा गया है।

चैंबर की तरफ से आयोजित ई-पाठशाला में शामिल सिडबी के दूसरे महाप्रबंधक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि पहले से कर्ज की सुविधा लेने वाली एमएसएमई भी इस स्कीम का लाभ ले सकती है जिनका सिडबी से अब तक कोई नाता नहीं है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत कर्ज लेने की सिर्फ एक ही शर्त है कि उस एमएसएमई की बैलेंस शीट में कैश प्रोफिट हो। जो सिडबी के पुराने ग्राहक है, उनकी बैलेंश सीट पिछले साल कैश प्रोफिट में हो औऱ सिडबी के साथ पहली बार जुड़ने वाली एमएसएमई की बैलेंस शीट में दो साल का कैश प्रोफिट दिखना चाहिए। सीआईएमएसएमई के अध्यक्ष मुकेश मोहन गुप्ता ने बताया कि शुक्त्रवार को आयोजित ई-पाठशाला में लगभग 200 एमएसएमई ने हिस्सा लिया और इन्होंने सिडबी की इस स्कीम में गहरी दिलचस्पी दिखाई।

 

Source:- Jagran

 

 

 

 

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Author: Aryan Soni

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