- टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर आईटी, बुनियादी ढांचे, बिजली, सोने-हीरे के आभूषण, फार्मा आदि सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए हुए हैं।
- चौकसी ने फिलहाल एंटीगुआ एंड बारबाडोस द्वीप समूह की नागरिकता ले ली है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचना के अधिकार के तहत दिए गए जवाब में कहा है कि फरार हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी सहित 50 टॉप विलफुल डिफॉल्टर्स से 68,607 करोड़ रुपये की चौंका देने वाली रकम को माफ करने की बात स्वीकार की है। टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर आईटी, बुनियादी ढांचे, बिजली, सोने-हीरे के आभूषण, फार्मा आदि सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए हुए हैं।
संसद में वित्तमंत्री ने जानकारी देने से किया था इनकार
आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि उसने यह आरटीआई इसलिए दायर की क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने 16 फरवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब संसद में देने से इनकार कर दिया था। उनकी इस आरटीआई का जवाब देकर आरबीआई के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी अभय कुमार ने वह कर दिखाया जो सरकार ने नहीं किया। आरबीआई ने कहा कि यह राशि (68,607 करोड़ रुपये) जिसमें बकाया और तकनीकी तरीके से लिखित राशि शामिल है, 30 सितंबर, 2019 तक माफ किया गया है।
बकायेदारों की लिस्ट में टॉप पर मेहुल चौकसी
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 16 दिसंबर, 2015 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए विदेशी उधारकर्ताओं के बारे में संबंधित जानकारी देने से भी मना कर दिया। बकायेदारों की इस सूची में टॉप पर है मेहुल चोकसी की घोटाले से प्रभावित कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (5492 करोड़ रुपए की कर्जदार), इसकी अन्य कंपनियों जैसे गिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड ने क्रमशः 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
दूसरे नंबर पर आरईआई एग्रो
चौकसी ने फिलहाल एंटीगुआ एंड बारबाडोस द्वीप समूह की नागरिकता ले ली है, जबकि उसका भतीजा और एक अन्य फरार हीरा व्यापारी नीरव मोदी लंदन में है। इस सूची में दूसरे नंबर पर आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसकी राशि 4,314 करोड़ रुपये है और इसके निदेशक संदीप झुझुनवाला और संजय झुनझुनवाला जो एक साल से अधिक समय से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अधीन हैं।
विनसम डायमंड और रोटोमैक पेन भी है शामिल
अगले नंबर पर 4,076 करोड़ रुपये के लोन लेकर फरार हुए हीरा व्यापारी विनसम डायमंड एंड ज्वेलरी के मालिक जतिन मेहता है और जिसके के बैंक फ्रॉड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जा रही है। 2,000 करोड़ रुपये की श्रेणी में, कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड है, जो प्रसिद्ध कोठारी समूह का हिस्सा है और जिस पर 2,850 करोड़ रुपये बकाया था।
रुचि सोया और फॉरएवर भी
इस श्रेणी में अन्य कंपनियों में कुडोस कीमी, पंजाब (2,326 करोड़ रुपये), बाबा रामदेव और बालकृष्ण की समूह कंपनी रूची सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंदौर (2,212 करोड़ रुपये), और जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्वालियर (2,012 करोड़ रुपये) शामिल हैं। हरीश आर मेहता की अहमदाबाद स्थित फॉरएवर प्रेशियस ज्वैलरी एंड डायमंड्स प्राइवेट लिमिटेड (1962 करोड़ रुपये) और फरार शराब कारोबारी विजय माल्या की निष्क्रिय किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (1,943 करोड़ रुपये) जैसे कुछ प्रमुख नाम भी हैं।
25 अन्य कंपनियां भी हैं
अन्य 25 कंपनियां हैं जिन पर 605 करोड़ रुपये से लेकर 984 करोड़ रुपये तक, या तो व्यक्तिगत रूप से या समूह कंपनियों के रूप में बकाया है। 50 टॉप विलफुल डिफॉल्टरों में से छह शानदार हीरे और/या सोने के आभूषण उद्योगों से जुड़े हुए हैं।
source:-Bhaskar