
वैसे तो केंद्र सरकार ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना पर तेजी से काम कर रही है. 1 जून से पूरे देश में इस योजना को लागू करने का प्लान है. फिलहाल देश के 12 राज्यों में इस योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2020 से ही हो गई है.
दरअसल कोरोना संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना पर तुरंत अमल करने पर विचार करने को कहा है. कोर्ट का कहना है कि इस योजना से गरीब और अप्रवासी मजदूरों को तत्काल मदद मिल पाएगी. एक तरह से कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना (ONORC) को तत्काल प्रभाव से लागू करने की कितनी संभावना है?
क्या है वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना
‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत पूरे देश में पीडीएस के लाभार्थियों को कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चलने वाली राशन की दुकानों से राशन मिलेगा. यानी किसी भी राज्य का राशन कार्ड धारक दूसरे किसी भी राज्य में भी कार्ड दिखाकर राशन ले सकेगा. उदाहरण के तौर पर किसी का बिहार में राशन कार्ड बना हुआ है और वो दिल्ली में काम करता है तो वो बिहार के राशन कार्ड से दिल्ली में राशन ले सकेगा.
वन नेशन, वन राशन कार्ड के फायदे
इस योजना के लागू हो जाने के बाद पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा. लाभार्थी देश में कहीं भी ई-पीओएस उपकरण पर बॉयोमेट्रिक प्रमाणन करने के बाद अपने मौजूदा राशन कार्ड से राशन ले सकते हैं. लाभार्थियों को अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा, यही प्रमाण होगा. बॉयोमेट्रिक इस्तेमाल में आधार का इस्तेमाल होगा यानी आधार से लाभार्थियों की पहचान होगी
राशन कार्ड 10 नंबर का होगा
केंद्र सरकार राज्यों को 10 अंकों का राशन कार्ड नंबर जारी करेगी. इस नंबर में पहले दो अंक राज्य कोड होंगे और अगले दो अंक राशन कार्ड नंबर होंगे. इसके अतिरिक्त राशन कार्ड नंबर के साथ एक और दो अंकों के सेट को जोड़ा जाएगा. इसे देश भर में लागू करने के लिए राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू होगी.
यह योजना 1 जनवरी 2020 से देश भर के 12 राज्यों में चालू है. ये राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा हैं.
source:-aajtak