
भीलवाड़ा, भीलवाड़ा के मंगला चौक में रहने वाले भरत कुमार खांदला दिल्ली में कोरोना मरीजो की सेवा में लगे है ड्यूटी के बाद वह दुसरो में सक्रमण फैलने से रोकने के लिए घर तक नही जाते ओर पास में ही बने गुरुद्वारे में रात निकालते है फिर सुबह 12 घण्टे की ड्यूटी में कोरोना मरीजो की सेवा में लग जाते है। भीलवाड़ा में रहने वाले माता पिता, भाई व अन्य परिवार के लोग चिंता करते है तो उन्हें कहते है कि ये वक़्त देश की सेवा करने का है
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नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्यरत 27 वर्षीय भरत खांदला बताते है कि वे सेना में भर्ती होने चाहते थे लेकिन नही हों पाए। लेकिन कोरोना जैसी महामारी के समय मे योद्धा बनकर एक सैनिक का फर्ज निभा रहे है। इस बात की उनको बहुत खुशी है
अस्पताल के वार्ड में नही है मोबाइल की अनुमति
कोरोना वार्ड में किसी को भी मोबाइल ले जाने की अनुमति नही है लेकिन रोगियों की रिकवरी होते देखते है तो पता ही नही चलता कि कब दिन हो रहा है कब रात हो रही है


12 घण्टे पहनना पडता है सुरक्षात्मक किट
भरत को गम्भीर रूप से बीमार मरीजो की देखभाल के लिए आई सी यू में 12 घण्टे तक सिर से पैर तक ढके रहना पड़ता है। आई सी यू में 12 घण्टे के लिए कर्मचारियों को पीपीई की 2 परतें पहननी पड़ती है। इसलिए सब सूट पहनते है फिर उसपर एक डिस्पोजल गाउन ओर फिर पीपीई किट। फिर एक सर्जिकल मास्क ओर फिर उसके ऊपर एक n95 मास्क पहनता है । एक टोपी पहनते है।पैरों पर भी जुते के कवर की 2 परतें पहननी पड़ती है । किट को समायोजित करने में भी टाइम लगता है शुरू में इसे पहनने में घुटन महसूस होती थी
यहा तक कि अगर बाहर जाना भी चाहे तो भी सक्रमण फैलने के डर से कही जा भी नही सकते
मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के ऐसे योद्धाओ पर समाज को नाज है कि इस भयंकर महामारी की घड़ी में अपने फर्ज को निभा रहे है सोनी परिवार इंडिया ऐसे सच्चे योद्धाओ का अभिनन्दन करता है