बीकानेर, कोटा के मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशलिस्ट सेंटर में कोरोना रोगियों की अपने निजी गमो को भुलाकर निष्काम सेवा करने वाली नर्स सरोज सोनी के सेवा के जज्बे को बीकानेर, कोटा, जोधपुर, अजमेर, सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ राष्ट्रीय स्तर के स्वर्णकार समाज के स्वयं सेवी संगठनो के प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों ने सलाम करते हुवे सराहना की है । उनको फ़ोन पर उनके पिता के निधन पर सवेंदना व्यक्त की साथ मे कोरोना योद्धा के रूप में सेवा भावना की सराहना करते हुए आशीर्वाद दिया है

पिछले 11 साल से नर्स के रूप में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में सेवायें देने वाली सरोज सोनी पत्नी प्रदीप स्वर्णकार के अंतरमन से रोना नही जा रहा । गर्व के साथ अनेक कोरोना पॉजिटिव रोगियों की चिकित्सकिय सेवा के साथ अपनी प्रार्थना का सम्बल प्रदान करने वाली सरोज ने अपने सामने कोटा के तीन मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के सेवा भावी लोगो को दम तोड़ते देखा है।
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अपने पिता जोधपुर के कमला नेहरू नगर निवासी सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी शिव कुमार मौसूण पुत्र स्वर्गीय राजूलाल मौसूण के 21 अप्रैल को ब्रेन हेमरेज व उसके बाद उनके 25 अप्रैल को आस्कमिक स्वर्गवास ने सरोज के साहस को रोकने की चेष्ठा की लेकिन अपने पिता के आशीर्वाद व सेवा करने के संदेश को शिरोधार्य कर निरन्तर कोरोना रोगियों की सेवा की । मृत्यु से पूर्व सरोज के पिता शिव कुमार मौसूण नियमित उससे बात करते थे। वे कहते थे कि पीड़ित मानव की सेवा ही सच्ची सेवा है ।

सरोज ने बिना किसी जाति वर्ग के भेद को भूलकर सभी रोगियों की प्रभु की पूजा के रूप सेवा की । घर मे 2 बेटियों 11 साल की एंजेल व 3 साल की नव्या की देख भाल का जिम्मा अपने पति को सम्भला कर 14 दिन उनसे दूर रही। अस्पताल प्रशासन की ओर से निर्धारित स्थान पर रहकर सरकार के आदेश की कर्तव्य , निष्ठा, व ईमानदारी से पालना करते हुवे प्रण प्राण से चिकित्सकिय सेवाओ में लगी है